1.
तू भी कभी महसूस कर क्या है बिखरने
की तड़प ….
एक रोज़ बाज़ी यूँ सजे, शीशा तेरा पत्थर मेरा ..!!
2.
# ना_तेरे_आने_की_खुशी ….
# ना_तेरे_जाने_का_गम …..
# बीत_गया_वो_जमाना …..
# जब_तेरे_दिवाने_थे_हम ……
3.
काश कि कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओँ का..
और वो मुझसे लिपट कर कहे कि,
मेरा नाम मत लेना.!!
4.
कुछ इस अदा से तोड़े हैं ताल्लुक उसने,
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ कसूर अपना…!!!
5.
ये आंसुओं कि ज़कात मुझ पे ही फर्ज क्यों..
वो भी तो कुछ अदा करे, मोहब्बत उसे भी थी..
6.
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है,..
मैंने तो मोहब्बत करके, ग़म का खजाना पा लिया ..
7.
जलवे तो बेपनाह थे इस कायनात में, . .
ये बात और है कि नजर तुम पर ही ठहर गई।
8.
क़दर करलो उनकी जो तुमसे
बिना मतलब की चाहत करते हैं…
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और
तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!
9.
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने,
एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो!!
10.
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम…..
प्यार की बात न सही….कोई शिकायत ही कर दे…
11.
तुझ से दूर रहकर…. मोहब्बत बढती जा रही है
क्या कहूँ… केसे कहूँ… ये दुरी तुझे और करीब ला रही है
12.
” मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो कि,
वो धोखा दे कर भी सोचे के
वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ.
13.
लोग कहते हैं कि मेरा दिल पत्थर का है..
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे..जो इसे भी तोड़ गए..!!
14.
तमन्ना है की कोई हमारी शख्सियत से भी प्यार करे ,
वरना , हैसियत से प्यार तो तवायफ भी करती है ।
15
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो…!!!!
दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते है…!!!!
16.
दुश्मन हो तो इश्क जेसा ,
सीधे दिल पर वार करे ।
17.
आज तो दिल भी धमकियाँ दे रहा है।।
कर याद उसे वरना धड़कना छोड़ दूंगा।।
18.
ज़िन्दगी का हिसाब हो जाऊँ शहर में लाजवाब हो जाऊँ..!
कोरा-काग़ज़ सही मैं लेकिन तुम पढ़ो तो किताब हो जाऊँ !!
19.
गलतफहमियों के सिलसिले आज इतने दिलचस्प हैं….,
कि हर ईंट सोचती है, दीवार मुझ पर टिकी है…।।
20.
जब भी चाहा सिर्फ तुम्हे चाहा..
पर कभी तुम से कुछ नही चाहा..!!
21.
सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें ,
इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना ।
22.
हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया
हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई …!!!
21.
दूर बैठ रहोगे, पास न आओगे कभी, ऐसे रूठोगे तो
जान ले जाओगे कभी|
22.
वफादार और तुम, ख्याल अच्छा है,
बेवफा और हम, इल्जाम भी अच्छा है..
23.
तुझे याद कर लूं तो मिल जाता है सुकून दिल को,,
मेरे गमों का इलाज़ भी कितना सस्ता है..!!
24.
बोहत तकलीफ देती है न मेरी बातें तुम्हे,
देख लेना एक दिन मेरी ख़ामोशी तुम्हे रुला देगी..
25.
धड़कनों को भी रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर कब्जा किये बैठे है..
26.
खुशियाँ तो कब से रूठ गई हैं मुझसे,
काश इन गमों को भी किसी की नजर लग जाये..
27.
हम भी फूलों की तरह अक्सर तनहा ही रहते हैं,
कभी खुद से टूट जाते है तो कभी कोई और तोड़ जाता है..
28.
मुझे ढूँढने की कोशिश अब न किया कर,
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंजिल बदल ली..
29.
शिकायतें वहाँ होती हैं जहाँ ऐतबार ना हो,
मेरा तो यकीन ही तुम हो तो शिकायत कैसी..
30.
फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना..
तुम भी मेरे अपने हो, या सिर्फ हम ही तुम्हारे हैं..
>
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया..
>
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ।
>
आइना कोई ऐसा बना दे ऐ खुदा जो,
इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे..
>
तेरी नफरत में वो दम नही जो मेरी चाहत को मिटा सके…
मेरी चाहत का समंदर तेरी सोच से भी गहरा है.!!!!
>
ना तोल मेरी मोह्ब्हत ,अपनी दिल्लगी से !
अक्सर तराजू टूट जाते है मेरी चाहत को देखकर !!
>
काश इस जहां में मुझे मौत यूँ आए,
बाँहों में तेरे सिर हो और मेरी रूह चली जाए !!
>
“ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
>
कोई हमे नफरत करे मुझे गम नहीं….
मुझे तुझे इश्क़ करने से ही फुऱसत नहीं..!
>
ऐ हुस्न, तेरे इस रहमत का शुक्रिया,
जो तू मुझे मिली, हमने इश्क पा लिया
>
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी..
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है !
>
कम ही होते हैं जज़्बातों को समझने वाले…
इसलिए शायद शायरों की बस्तियां नहीं होती…
>
मेरा इश्क हवाओं मे है.. ज़रा मुझसे दूर ही रहना..
करीब से गुज़रोगे तो मर्ज़ लाइलाज होगा..
>
नज़र और नसीब के मिलने का इत्तेफ़ाक़ कुछ ऐसा है;
कि नज़र को पसंद हमेशा वही चीज़ आती है, जो नसीब में नहीं होती है।
>
हराना है मुजे तो मैदान में आके हराना,
वरना दिल
जीतने की आदत तो मेरी बचपन से है
>
ना रखना उम्मीद -ए -वफ़ा इन तितलियों पर…
एक ही फूल पर बैठे रहना इनकी फ़ितरत में नही
>
नफरत फैलाना काम होगा दूसरो का जनाब,
हम तो महोबत के सौदागर है दिल लेते है और दिल देते है…!!!
>
इज़ाज़त हो तो मांग लूँ तुम्हें…
सुना हैं तक़दीर लिखी जा रही हैं…
>
दुश्मन बने दुनिया तो इतना याद रखना मेरे दोस्त..
तेरा यार जिन्दा है तो तेरा हथियार जिन्दा है…
>
पूछा था हाल उन्होंने बडी मुद्दतों के बाद…
कुछ गिर गया है आँख में,कहकर रो पड़े हम…
>
जिस जिस को मिली खबर सबने एक ही सवाल
किया मुझसे,
तुमने क्यों की मुहब्बत तुम तो
समझदार थे…
>
काश वो भी आकर हम से कह दे, मैं भी तन्हाँ हूँ,
तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए..
>
इन बादलो का मिजाज मेरे मेहबूब से बहुत मिलता है..
कभी टूट के बरसते है, कभी बेरुखी से गुजर जाते है..
>
फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना..
तुम भी मेरे अपने हो, या सिर्फ हम ही तुम्हारे हैं..
>
तुं हर जगह खबसुरती तलाश न कर,
हर अच्छी चीज मेरे जैसी नहीं होती !
>
रोज़ खाली हाथ जब घर लौट कर जाता हूँ मैं
मुस्करा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ मैं
>
तेरा दिया गुलाब आज भी सहेज के रखा है डायरी मे
जब बोलते है लोग मुरझाने लगी है तेरी यादे
चुपके से देख कर अशक़ो से भिगा देता हू उसे….
>
हम वो ही हैं, बस जरा ठिकाना बदल गया हैं…
अब..
तेरे दिल से निकल कर, अपनी औकात में रहते हैं..!
>
मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी इक अदा के सामने
मैं तुझे ख़ुदा कह गया अपने ख़ुदा के सामने *******
>
“मंदिरो मे हिंदू देखे..
मस्जिदो में मुसलमान..
शाम को जब मयखाने गया..
तब जाकर दिखे इन्सान..”
>
******** इश्क महसूस करना भी …बंदगी से कम नहीं,
ज़रा बताइये…. छू कर भगवान को किसने देखा है….
>
औकात क्या है तेरी ऐ जिंदगी ,,
चार दिन की मोहब्बत तुझे तबाह कर देती है .. ..
>
याद महबूब की और शिद्दत सर्दी की,
देखते हैं अब हमे कौन बीमार करता हैं…!!
>
इबादत की खुशबू पहुंचे तुम तक, अपने यकीन का इम्तिहान कर दूं,,
आज मैं अपने अश्क को गंगा, और इश्क को कुरआन कर दूं…!!! —
>
यूँ तो गलत भी नहीं होती चेहरों की तासीर
लेकिन,
लोग वैसे भी नहीं होते, जैसे नज़र आते हैं…
>
मुजसे मोहाब्बत की है तो वफा का वादा भी करो,
मैं बिखरना नही चाहता तूते हुवे कांच की तरह !!
>
तुम मुखातिब भी हो और करीब भी हो
तुमको देखें या तुमसे बात करें ॥
>
बेजान चीज़ो को बदनाम करने के तरीके कितने आसान होते है…
लोग सुनते है छुप छुप के बाते ,और कहते है के दीवारो के भी कान होते है।
>
बेवफाई तो सब करते हैं
पगली
तु तो समजदार थी,
कुछ नया कर लेती..!
>
मुझको मेरे वजूद की हद तक न जान पाओगे….
.
.
बेहद , बेहिसाब, बेमिसाल बेइन्तहा हूँ मैं.…!!!!
>
इश्क़ के रिश्ते बहुत नाजुक होते है…
ऊँचा बोलने और धीमा सुनने से भी टूट जाते ह
>
मैं साहिल पे खड़ा, किसी खामोश सफ़ीना सा था,
वो मिली मुझे समंदर के तूफ़ानों की तरह ॥
>
जानता हूँ के दोस्त नहीं होता हर हाथ मिलाने वाला,
.
पर मन अपना साफ है तो कांपेगा तो सही जहर पिलाने वाला,,।
>
जो जैसा है, उसे वैसा ही अपना लो…!!
रिश्ते निभाने आसान हो जायेंगे..,
>
जमाने की नज़र में अकड़ के चलना सीख ले दोस्त…
मोम का दिल ले कर चलेगा तो लोग जलाते
रहेंगे।।।
>
बेशक़ बचपन का दौर शानदार था लेकिन
जवानी का सौदा भी तो “मासूमियत” देकर हुआ
> .
मंज़िलें तेरे अलावा भी कई है लेकिन .,
ज़िन्दगी और किसी राह पे चलती ही नहीं..
>
यादें उनकी ही आती है जिनसे कोई ताल्लुक हो
हर शख्श मोहब्बत की नज़र से देखा नहीं जाता
>
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!
>
सोचा इश्क़ के बाज़ार …में…. महँगी शराब पी आते है ।
लूट गये …बर्बाद हो गये …मगर दाम अभी….. भी चुकाते है ।
>
तेरे बग़ैर जिंदगी कुछ यूँ गुज़रेगी..!!
हर रात एक खुशी खुदखुशी करेगी..!!
>
‘मेरे तसव्वुर में होती है तेरे ख्यालों की बेवक़्त बारिशें,
मैं यूँ बेवजह ही नहीं लेके फिरता हूँ ,ये सौंधी सी मुस्कराहट.!!
>
छोड़ दिया यारो किस्मत की लकीरों पर यकीन करना,
जबलोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज….
>
“पास मेरे हैं यही हथियार बस…
तुझपे लिक्खे शेर हैं दो- चार बस…
>
अंदाज़ बदलने लगते हैं,
होटों पे शरारत होती है…
नज़रों से पता चल जाता है,
जिस दिल में मुहब्बत होती है…
>
हमे मिटाने की साजिश करने वालो से कह दो चिंगारी का खेल बुरा होता हे…….
ओरो के घर में आग लगाने का सपना सदा अपने ही घर खड़ा होता हें…….
>
मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिए, तेरा
वुजूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।
>
ये कैसी पहचान बनाई है तूने अपनी..
नाम तेरा आने पर भी…
लोग याद मुझे करते हैं..
>
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती,मैं उसको भूल नहीं पाता !!
>
तू है सूरज तुझे मालुम कहाँ रात का दुःख
तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद
>
” सड़क किनारे मरा मिला वो अजनबी,
चश्मदीद का कहना है, उसे किसी की यादों ने नोंचा
था.!
>
कभी ये आरजू थी कि हर कोई जाने मुझे …..
.
.
आज ये तलब है कि गुमनाम ही रहूं मैँ ……… !!!!
>
वादा करते तो कोई बात होती;
मुझे ठुकराते तो कोई बात होती;
यूँ ही क्यों छोड़ दिया दामन;
कसूर बतलाते तो कोई बात होती।
[3/29, 8:21 AM] डђवӣ_Λπι₰:
माना की तेरी एक आवाज से
भीड हो जाती हे ,,
…..लेकिन हम भी आहिर हे ,,
हमारी एक ललकार से पूरी भीड़
बिखर जाती हे ।।
>
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त
लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।
>
तेरे गुस्से पर भी आज हमें प्यार आया है..
चलो कोई तो है.. जिसने इतने हक से, हमें धमकाया है..!!
> मसरूफ़ रखता हूँ,
खुद को जिन्दगी की उलझनों में
डर लगता है, सिलसिले मोहब्बत के
फिर से शुरू न हो जाएँ
>
वो बेसबब यूँ ही सर-ए-शाम निकल आते हैं
ग़र हम बुलाये उन्हें तो, काम निकल आते हैं…
>
नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है,
लोग रूलाना नहीं छोडते और हम हसना नहीं छोडते!!
>
इश्क़ करना तो लगता है जैसे मौत से भी बड़ी एक सज़ा है;
क्या किसी से शिकायत करें जब अपनी तक़दीर ही बेवफा है।
>
छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त….
तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..!!
>
कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मत …
बात तो “उन्हीं की होती है”.. जिनमें कोई ” बात ” होती है…!!
>
चाहे दुश्मन मिलें चार या चार हजार सब
पर भारी पड़ेंगे मेरे जिगरी यार !
>
हमारा गरम तेवर उस वक्त से हैं….
जब तुम अपने बाप के अन्दर थे….
>
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो, सहारे कितने भी सच्चे
हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते है.”
>
जिगर बड़ा था इसलिए टकराने आ गए..
जो हमे नहीं जानते उन्हें अब पता चलेगा की जंगल में फिर शेर पुराने आ गए..
>
जहासे तेरी बादशाही खत्महोंती हे ,
वहासे मेरी नवाबी सुरुहोती हे !
>
हम सल्लनत देखके दोस्ती नहि करते
ओर परीणाम सोचके दुश्मनी नहि करते !
>
सिर्फ एक बार आओ हमारे दिल मेँ अपनी मुहब्बत
देखने,
फिर लौटने का ईरादा हम तुम पर छोड़ देँगे…..!
>
हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन
पाओगे…
नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग
जाओगे..
>
हम वो ही हैं, बस जरा ठिकाना बदल गया हैं…
अब..
तेरे दिल से निकल कर, अपनी औकात में रहते हैं..!
>
तेरा दिया गुलाब आज भी सहेज के रखा है डायरी मे
जब बोलते है लोग मुरझाने लगी है तेरी यादे
चुपके से देख कर अशक़ो से भिगा देता हू उसे….
>
नफरत फैलाना काम होगा दूसरो का जनाब,
हम तो महोबत के सौदागर है दिल लेते है और दिल देते है…!!!
>
मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी इक अदा के सामने
मैं तुझे ख़ुदा कह गया अपने ख़ुदा के सामने
>
“ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
>
पत्थर समझते है मुझे मेरे चाहने वाले ।
हम तो मोम थे किसी ने छुकर नहीँ देखा
>
अगर परछाईयाँ कद से और बाते औकात से बडी होने लगे ;
तो समझ लो कि सूरज डूबने ही वाला है ।
>
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी..
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है !
>
पी लेते है हम……..!
.
एक दुसरे कि झूठी सिगरेट भी
कयुँकि
दोसती किसी मजहब का मोहताज नही होती ॥
>
है किस्मत हमारी आसमान में चमकते सितारे जैसी;
लोग अपनी तमन्ना के लिए हमारे टूटने का इंतज़ार करते हैं।
>
मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ;
कोई मासूम क्यों मेरे लिए बदनाम हो जाए।
>
मैं थोड़ी देर तक बैठा रहा उसकी आँखों के मैखाने में;
दुनिया मुझे आज तक नशे का आदि समझती है…
>
हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर
है मेरी,,,,
पर कोई हुनर काम नहीं आता ,
जब तेरा नाम आता हैं…!!
>
तुमसे किसने कह दिया की मोहब्बत
की बाजी हार गए हम ,
अभी तो दांव में चलने के लिए हमारी जान
बाकी है.!!
>
जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो ,
हारना तो मौत के सामने हे फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…
>
दुश्मनी ऐसी करो की दुनिया देखती जाये
और
प्यार ऐसे करो की दुनिया#_जलती जाये
>
हस के चल दूँ मैं कांच के टुकडो पर,
अगर दोस्त कह दे की ये तो मेरे बिछाए हुए फूल हैं…
>
खुबसूरत रिश्ता है मेरा और खुदा के बीच में,,
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं..
>
मुहब्बत में अपने को हमेशा बादशाह समझा हमने,
एहसास तो तब हुआजब
वफ़ा मांगी फकीरों की तरह…
>
मोतियों को तो बिखर जाने की आदत है,
लेकिन,
धागे की ज़िद होती है पिरोए रखने की…!!
>
नाम इसलिए उँचा हैं हमारा क्योंकि,
हम ‘बदला लेने, की नही ‘बदलाव लाने, की सोच रखते हैं.
>
तुमसे नहीं तेरे अंदर बैठे खुदा से मोहब्बत है मुझे…
तू तो फ़क़त एक ज़रिया है मेरी इबादत का…
>
नहीं मिला कोई तुम जैसा आज तक,
पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही..!!
>
ज़िँदग़ी गुज़र रही है, इम्तिहानो के दौर से।
एक ज़ख्म भरता नही दूसरा तैयार मिलता है
>
उसने कहा की, ख़्वाब में आने का वक़्त दो..
मैंने कहा की, नींद का मौसम गुज़र गया.
>
किसीने हमसे पुछा तुम कहा के हो
”
मेने कहा टेकटर ना टायर जेसीबी ना वायर
तारा बाप ने केजे आतो कच्छ ना आयर ।
>
उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहा..
सबसे बुरी लत कौनसी है मैंने कहा … तेरे प्यार की..
>
बड़ी मुश्किल से सुलाया है खुद को मैंने….
अपनी आँखों को तुम्हारे ख़्वाब का लालच देकर.
>
तन्हा रहना तो ,मोहब्बत वालो की एक रस्म है ,
अगर फूल सिर्फ खुशी के लिये होते तो , जनाजे पर न डाले जाते।
>
क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का……
मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..
>
जलील ना किया करो किसी फकीर को ऐ दोस्त..
वो भीख लेने नही तुम्हें दुआएँ देने आता है…
>
मंज़िले चाहे कितनी भी ऊँची या कठीन हो
रास्ते हमेशा पैरो के निचे ही होते है”
>
जिनका मिलना नही होता किस्मत
मे….
उनकी यादें कसम से कमाल की होती
है….
>
जब वो अपने हांथो की लकीरों में मेरा नाम ढूंढ कर
थक गयीं , सर
झुकाकर बोलीं, “लकीरें झूठ बोलती है” .. तुम सिर्फ
मेरे हो …..
>
उसे मनाने के लिए क्यो मिन्नतें करू मैं,,,
मुझे उस से मोहब्बत है कोई मतलब तो नही…
>
तुम तो डर गए एक ही कसम मे,,,
हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लुटा हे…
>
वजह पूछोगे तो सारी उम्र गुजर जाएगी,,,
कहा ना अच्छे लगते हो तो बस लगते हो…
[4/16, 9:37 PM] डђवӣ_Λπι₰:
जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ,
मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं
[4/16, 9:37 PM] डђवӣ_Λπι₰:
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी,
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होत
[4/17, 4:37 PM] डђवӣ_Λπι₰:
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो…ll
>
एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है ..
भटक जाते हैं वे लोग जिनके सैकडों खुदा होते हैं..
>
मौत शायद इसी को कहते है………
दिल अब किसी कि ख्वाहिश नहीं करता..!!
>
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन;
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे !!!
>
अब क्या याद करने पर भी जुर्माना करोगे
वो भी चुका देंगे तो क्या बहाना करोगे ?
>
लिखी कुछ शायरी ऐसे तेरे नाम से….
कि जिस ने तुम्हें देखा नहीं, वो भी तुम्हें बेमिसाल कहने लगे है…..
>
आया तो बार बार संदेशा अमीर का ..
.. मगर हो न सका सौदा जमीर का !!
>
कल थे मिले फिर क्यू लगे ऐसे तुमसे मिले अरसा हुवा जेसे,,
अब तू बता जो हो पता तेरे बिना लम्हा लम्हा जियेंगे कैसे !!
>
एक लडकी ने पुछा तुम कहा के हो
”
मेने कहा टेकटर ना टायर जेसीबी ना वायर
तारा बाप ने केजे आतो कच्छ ना आयर ।
>
कमीनेपन की तो हद ना पूछ दोस्त ,
में उनमे से हूँ
जो मछली को भी डुबो डुबो के मारता हे ।
>
सौ खामियाँ मुझमे सही मगर, इक खूबी भी है,
अपनों को आज तक पराया नहीं किया..!
>
ज़िन्दगी में प्यार का पौधा लगाने से पहले,
जमीन परख लेना..
हर एक मिट्टी की फितरत में
वफा नही होती !
>
खो गया खुद वजूद मेरा, कुछ पाने की चाह में…
खुद तिनका तिनका हो गया कुछ बचाने की चाह में..
>
हमसे भुलाया ही नहीं जाता,एक
वक़्त का प्यार;
लोग जिगर वाले हैं, जो रोज नया महबूब बना लेते हैं!”
>
मुझे क्या करना है तेरे इश्क की कीमत जानकर
तेरे भरोसे पे बिकना मंजूर है मुझे।
>
समय के एक तमाचे की देर है प्यारे,
मेरी फ़क़ीरी भी क्या,
तेरी बादशाही भी क्या….!!!!
>
कमीनेपन की तो बात ना कर दोस्त ,
में उनमे से हूँ
जो मछली को भी डुबो डुबो के मारता हे ।
>
वो खुद ही तय करते हैं,
मंजिल आसमानों की,
परिंदों को नही दी जाती,
तालीम उड़ानों की !
[5/13, 7:18 AM] डђवӣ_Λπι₰:
पहचान कफ़न से नहीं होती है…..!!
लाश के पीछे काफिला बयाँ कर देता है, हस्ती को….!!!
mustafa said:
New Whatsapp status for new ways with full collection
Short status
Impressing Girl Friend
Romantic status
Miss you status
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Ziad said:
BHai #Degree #तुझे किसी भी #कॉलेज में मिलेगी पर #नॉलेज तो तुझे #मेरे StatuS से ही मिलेगा..😎😎
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Shivam Singh said:
जब गाती है जिन्दगी लहरों की गजल तो कोई तूफान जरूर आता है।
जब होती है दिल मे तकलीफ प्यारी सी तो जिन्दगी मै कोई नया मुकाम जरूर आता है।
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gaurav said:
Dil ka kya kare saheeb,
Wo kisi pe marta hai,
Par zindagi ne is kadar dhokha diya kyoki,
Dil jis pe marta hai wo kisi aur se pyar krta hai…
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Anjali bhardwaj said:
★★ ★★chalo bikharne dete hai zindagi ko Sambhaalne ki bhi to ek hadd hoti hai★★ ★★
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vinay said:
Touching…lines
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ssk said:
fadu h bidu
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nihal singh said:
wo chale gaye to khusi bhi chali gayi,
unke bina chirago se roshni bhi chali gayi,
kya bataye kya guzri is dil par,
zinda to rah gaye par zindgi chali gayi….
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sandeep said:
मुझे सिर्फ दो चीजोंसे डर लगता है….1 #- तेरे_रोने से और २ #-
तुझे_खोने से…
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Geeta said:
“Maana ki teri nazaro m hum kuch nahi, jakr unse puchha jinhe hashil hum nhi,
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Saurabh said:
hey bhagwan koi aisa model bhi bana jo me ri mohobbat afford kr sake
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gulzar rahman said:
rona unhi ke liye jisne kabhi tumhare aansuo ki kadr kiya ho….
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altaf shaikh said:
★★★~तु ये मत सोच तू छोड़ देगी तो टूट जाऊगा… कमिना हू तेरे से अच्छि_पटाऊगा
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Alfaz sed said:
nice
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saif khan azmi said:
sone k jewar aur humare tewar
logo ko humesa mahnge padte hain…
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monu seth abhishek gupta said:
Gud morng frnds 9457440077 pr cont sadhe sidhe
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anurag sharma said:
मुझे सिर्फ दो चीजोंसे डर लगता है….1 #- तेरे_रोने से और २ #-
तुझे_खोने से…
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abhinav tiwari said:
Its a very good sire and my whatsapp no is 9984238489
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AniketRoy said:
“साला मै कब का #यमनगरी जाने को बेचैन हू…लेकिन #यमराज कहते है…तू आने के लिये नही…भेजने के लिये पैदा हुआ है..
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X Boy Blade said:
ab to akele rhne ki aadt ho gyi h, or mujhe is tanhai se mohabbat ho gyi h
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shivam Gupta said:
सोच समझ कर रखना हमारी “सल्तनत”में क़दम;हमारी मोहबत की क़ैद की “ज़मानत”नहीं होती !!
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shivam yadav said:
Shivamyadavmgs99@email .com janso ki madai
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